Thursday, April 9, 2009

In life sometimes u come to the situation where the interest of u and other(yr dear one) may differ..the steps which gives u happiness may hurt other..If u choose to be with their happiness above ur's .Here comes.....
छु न सके आसमा तो क्या
जमीं की गहरे हमने नापी है
अपनी हँसी की परवाह नही की तो क्या
अपनों को खुशिया हमने बाटी है

अश्क आंखों से झलके नही कभी
प्रश्न होठो पर अनकहे से कही
जाने अनजाने मे ही सही
दे दी अपनी खुशियों की बलि

खता इतनी सी हमसे हुई
सोचा दिल न दुखाये अपनों का कभी
बात इतनी सी हमने कही
जी ले अपनों में अपनी भी खुशी

कर न सकने मन की बात अपनों से तो क्या
जीवन की सच्चाई हमने जानी है
चुन लो ख़ुद की या अपनों की खुशी
बात ये आज हमने मानी है

No comments:

Post a Comment